सर्व पितृ अमावस्‍या का महत्‍व

 



सर्व पितृ अमावस्‍या का महत्‍व - Importance Of Amavasya 

Importance Of Amavasya सर्व पितृ अमावस्‍या का महत्‍व गुरु माँ निधि श्रीमाली जी के अनुसार हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष की अमावस्या यानी सर्व पिृत अमावस्‍या का विशेष महत्त्व है। शास्त्रों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से विशेष फल प्राप्त होता है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है। सर्वपितृ अमावस्या के बारे में यह मान्यता भी है कि यदि पितृपक्ष में श्राद्ध तिथि वाले दिन श्राद्ध ना कर पाए हों तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध-तर्पण करने से बीते 14 दिनों का पुण्य प्राप्त होता है। इसके साथ ही जिन पितरों की मृत्यु तिथि के बारे में ना पता हो उनका श्राद्ध भी सर्वपितृ अमावस्या के दिन कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध-तर्पण करने से वे खुशी-खुशी विदा होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। इस दिन श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है और ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा देने से और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है । Importance Of Amavasya 


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