अजा एकादशी की महिमा और महत्व - Glory and Significance of Aja Ekadashi
अजा एकादशी की महिमा और महत्व
गुरु माँ निधि श्रीमाली जी के अनुसार अजा
एकादशी हिन्दू धर्म का व्रत दिवस है अजा एकादशी हिन्दू
कैलंडर के अनुसार भादव महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. अंग्रेजी
कैलेंडर के मुताबिक अजा एकादशी अगस्त-सितम्बर के महीने में आती है. अजा एकादशी को
अन्नदा एकादशी भी कहते है इस व्रत को बहुत ही फलदाई माना गया है. अजा एकादशी
सम्पूर्ण भारत में मनाई जाती है . अजा एकादशी का महत्व
हमारे पुराणों में भी मिलता हैं.
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार भगवान
श्रीकृष्ण ने इस व्रत की महत्ता ज्येष्ठ पांडु पुत्र युधिष्ठिर को बताई थी. यह
व्रत राजा हरिश्चंद्र द्वारा भी किया गया था इसके फलस्वरूप उन्हें अपना मृत पुत्र
और राज्य पुनः प्राप्त हो गए थे. अजा एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते
हैं. ये व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी का आर्शीवाद भी प्राप्त होता
है. एकादशी के दिन व्रत रखकर रात को जागरण कर श्रीहरि विष्णु जी की पूजा करनी
चाहिए.
अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का
बड़ा महत्व है.
गुरु माँ निधि श्रीमाली जी के अनुसार
ऐसा माना जाता है कि जो भी मनुष्य इस व्रत को पूरे विधि-विधान से निभाता है और
जागरण करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है. उस व्यक्ति को स्वर्गलोक में स्थान
मिलता है. अजा एकादशी की कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य को अश्वमेघ यज्ञ का फल समान
ही फल होता है.यह व्रत उनके लिए महत्वपूर्ण हैं जो सांसारिक दासता में बंधे हुए
जीवन मरण के चक्र में फंसे हुए हैं. ऐसा कहा जाता हैं अजा एकादशी का व्रत शरीर को
भावों,
व्यवहार
और भूख को काबू करना सीखता हैं. यह उपवास मन और आत्मा को साफ़ करता हैं.
इस सितम्बर माह में होने वाला महालक्ष्मी व्रत एवं अनुष्ठान जों की 3 सितम्बर से 18 सितम्बर तक चलेगे यह 16 दिन माता लक्ष्मी के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगे अगर आप धन प्राप्ति चाहते है और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद चाहते है तो इस अनुष्ठान में हिस्सा लीजिये और अधिक जानकारी के लिए संपर्क कीजिये :- 9571122777


.jpg)
Comments
Post a Comment