क्या है पिंडदान का महत्व
क्या है पिंडदान का महत्व - What is the importance of PindDaan
What is the importance of PindDaan -क्या है पिंडदान का महत्व गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की श्राद्ध के दौरान पिंडदान का भी महत्व है। जिस तिथि को किसी स्वर्गवासी का श्राद्ध कार्य किया जाता है, उसी दिन उनके निमित्त तर्पण के साथ ही पिंडदान भी किया जाता है। स्थानीय जगहों पर अपने पूर्वज़ों के श्राद्ध वाले दिन पितरों के निमित खीर, पूड़ी, सब्जी और साथ ही अपने पितर की कोई मनपसंद चीज़ और एक अन्य सब्जी बनाई जाती है और इस भोजन को गोबर से बने उपले या कंडों की कोर पर रखकर पितरों को भोग लगाया जाता है और दोनों हाथों से कोर के बायीं ओर, यानी अपनी दाहिनी तरफ पानी छोड़ा जाता है। इस क्रिया को ही स्थानीय भाषा में पिंडदान कहा जाता है।लेकिन कुछ शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध- कर्म में पके हुए चावल, दूध और तिल को मिश्रित करके पिंड बनाए जाते हैं और इस क्रिया को सपिण्डीकरण कहा जाता है। यहां पिण्ड का अर्थ है शरीर। श्राद्ध में पूर्वजों के निमित्त पिंड बनाकर उनसे अपने आने वाले जीवन की शुभेच्छा की प्रार्थना की जाती है। कहते हैं पिण्डदान करने वाले व्यक्ति को उसके पूर्वज़ों के आशीर्वाद से संतति, सम्पति, विद्या और हर प्रकार की सुख-समृद्धि मिलती है What is the importance of PindDaan
Note: Daily, Weekly, Monthly and Annual Horoscope is being provided by Pandit N.M.Shrimali Ji, almost free. To know daily, weekly, monthly and annual horoscopes and end your problems related to your life click on (Kundali Vishleshan) or contact Pandit NM Shrimali Whatsapp No. 9929391753,E-Mail- info@panditnmshrimali.com
Comments
Post a Comment