शारदीय नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाये
शारदीय नवरात्री - Shardiya Navratri
Shardiya Navratri - शारदीय नवरात्री गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है, जो कि 04 अक्टूबर तक रहेगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां जगदंबे की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। नवरात्रि में माता रानी के भक्त उपवास रहकर मां जगदंबे की विधि-विधान से पूजा करते हैं। अपनी श्रद्धा और शक्ति के अनुसार कुछ लोग पूरे नौ दिन, तो कुछ लोग पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं। ज्योतिष के अनुसार, इस बार की शारदीय नवरात्रि को बेहद शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है। Shardiya Navratri
माँ शैलपुत्री
गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की प्रथम दिन
माता शैलपुत्री (इसका अर्थ- पहाड़ों की पुत्री होता है।) की पूजा की जाती है जिससे
अखंड सौभाग्य ,मनोकामना
पूर्ति, उत्तम
स्वास्थ्य, भौतिक सुख
की प्राप्ति होती है मां शैलपुत्री सौभाग्य की देवी हैं। उनकी पूजा से सभी सुख
प्राप्त होते हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न
होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से
हुआ, इसलिए इनकी
पूजा से जीवन में स्थिरता आती है। मां को वृषारूढ़ा, उमा नाम से भी जाना जाता है। उपनिषदों
में मां को हेमवती भी कहा गया है।
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