नवरात्री का दूसरा दिन माँ ब्रम्हचारिणी

 

  माँ ब्रम्हचारिणी - Maa Bramhacharini 

Maa Bramhacharini माँ ब्रम्हचारिणी -  गुरु माँ निधि श्रीमाली जी  ने बताया है की आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्माचारिणी के नाम में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली। अर्थात तप का आचरण करने वाली शक्ति को हम बार-बार नमन करते हैं। माता के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, संयम, सदाचार आदि की वृद्धि होती है।   सुख सम्व्रिधि , कलह मुक्ति  ,रोगों की मुक्ति होती है  जीवन के कठिन से कठिन समय में भी इंसान अपने पथ से विचलित नहीं होता है। इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे में कमंडल है। यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त हैं। ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है। अन्य देवियों की तुलना में वह अतिसौम्य, क्रोध रहित और तुरंत वरदान देने वाली देवी हैं। Maa Bramhacharini  

 या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. दधाना करपद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू. ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥ 

Maa Bramhacharini

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