नवरात्री का चौथा दिन माँ कुष्मांडा

                               


                              माँ कुष्मांडा - Maa Kushmanda 

 Maa Kushmanda - माँ कुष्मांडा गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के चतुर्थ रुप कूष्मांडा की पूजा की जाती है। जब सृष्टि की रचना नहीं की गई थी और चारो तरफ अंधकार ही अंधकार था तब देवी ने अपने हास्य से ब्रह्मांड की रचना की इसलिए उन्हें सृष्टि की आदिशक्ति कहा गया है। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। इसलिए उन्हें अष्टभुजा के नाम से भी जाना जाता है। मां अपने भक्तों के कष्ट और रोग का नाश करती है।

मां कूष्मांडा की पूजा उपासना करने से भक्तों को सभी सिद्धियां मिलती हैं। और व्यक्ति के आयु और यश में में बढ़ोतरी होती है। मां के एक हाथ में जापमाला  होता है। इसके साथ ही अन्य सातों हाथों में क्रमश: कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत पूर्ण कलश, चक्र और गदा शामिल है। देवी कूष्मांडा का वाहन सिंह है। मां कूष्मांडा को मालपुए का प्रसाद और हरे फल चढ़ाने चाहिए।   Maa Kushmanda

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