कुंडली में पितृदोष का प्रभाव
कुंडली में पितृदोष का प्रभाव - Effect Of PitraDosh
Effect Of PitraDosh - कुंडली में पितृदोष का प्रभाव गुरु माँ निधि श्रीमाली जी में बताया है की पितृ दोष को बहुत अशुभ प्रभाव देने वाला माना जाता है. ये व्यक्ति की कुंडली में एक ऐसा दोष माना गया है जो सभी दुखों को एक साथ देने की क्षमता रखता है
गुरु माँ निधि श्रीमाली जी की मान्यता है कि कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ दोष लग जाता है. सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु या शनि के साथ युति होने पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ जाता है। Effect Of PitraDosh
जिसकी कुंडली में पितृदोष लगा होता है, उसके कोई काम आसानी से नहीं बनते. व्यक्ति जीवन में काफी उतार-चढ़ाव महसूस करता
है. धन की कमी
परेशान करती है, तरक्की में बाधा आती है,
गर्भधारण आसानी से नहीं होता या गर्भपात हो जाता है. कुल मिलाकर पितृदोष होने पर परिवार अच्छी तरह से फल फूल नहीं पाता है. जो भी लोग जीवित रहते हुए अपने माता पिता का अनादर करते
हैं, मृत्यु के बाद अपने पितरों की श्राद्ध नहीं करते,
किसी निरअपराध की हत्या करते हैं, ऐसे लोगों
के अगले जन्म में कुंडली में पितृदोष होता है. यदि आपके भी जीवन में ढेरों कष्ट एक साथ हैं, लंबे समय से आपके कोई काम नहीं बन पा रहे हैं तो
आपको अपनी कुंडली को किसी ज्योतिष विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए और पितृदोष के कष्टों
को दूर करने के लिए ये उपाय करने चाहिए
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