मोक्षदा एकादशी व् गीता जयंती का महत्व



 मोक्षदा एकादशी व् गीता जयंती का महत्व -Mokshda Ekadashi , Geeta Jaynti 

Mokshda Ekadashi , Geeta Jaynti - मोक्षदा एकादशी व् गीता जयंती का महत्व गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पुराणों के अनुसार जो मोक्षदा एकादशी का व्रत कर श्रीहरि का पूजन करता है उसपर सदा भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है. साधक को कर्मों के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात वह मोक्ष को प्राप्त होता है.  इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गीता जयंती पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान देकर सांसारिक मोह से मुक्ति का मार्ग बताया था Mokshda Ekadashi , Geeta Jaynti  

मोक्षदा एकादशी का अर्थ है मोह का नाश करने वाली. धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस प्रकार इस दिन अर्जुन का मोहक्षय हुआ था, उसी प्रकार मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से जातक के लोभ, मोह, मत्सर व समस्त पापों का शमन हो जाता है. इस व्रत के प्रभाव से परिस्थितियां साधक के अनुकूल हो जाती हैं. इस दिन लक्ष्मी-नारायण का पूजन करने वालों के धन   -दौलत और सौभाग्य में वृद्धि होती हैMokshda Ekadashi , Geeta Jaynti 

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