नवरात्री का नौवा दिन माँ सिद्धिदात्री

 


माँ सिद्धिदात्री - Maa Siddhidatri 

Maa Siddhidatri - माँ सिद्धिदात्री गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की नवरात्र-पूजन के आखिरी दिन को नवमी भी कहा जाता है. इस दिन मां दुर्गा के अंतिम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा-उपासना की जाती है। इस दिन विधि-विधान और पूरी निष्ठा के साथ मां सिद्धिदात्री की पूजा करने वालों को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है अर्थात् सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने का सामर्थ्य उनमें आ जाता है। सिद्धियों की प्राप्ति के लिए मनुष्य ही नहीं, देव, गंदर्भ, असुर, ऋषि आदि सभी इनकी पूजा करते हैं। इतना ही नहीं, मां सिद्धिदात्री शोक, रोग एवं भय से मुक्ति भी देती हैं। कमल पर विराजमान चार भुजाओं वाली मां सिद्धिदात्री लाल साड़ी में विराजित हैं। इनके चारों हाथों में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा और कमल रहता है। सिर पर ऊंचा सा मुकूट और चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है।  Maa Siddhidatri

शारदीय नवरात्रि का आज, 4 अक्टूबर, मंगलवार को अंतिम दिन है। हिंदू धर्म में महानवमी का विशेष महत्व होता है। नवमी तिथि के दिन व्रती अपने व्रत का हवन-पूजन कर पारण करेंगे। महानवमी के दिन मां दुर्गा की अराधना महिषासुर मर्दिनी के रूप में की जाती है। कहते हैं कि इसी दिन मां दुर्गा ने दानव महिषासुर का वध किया था।  Maa Siddhidatri

 ॐ सिद्धिदात्र्ये नम: 

 

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